What Is Memory In Hindi (Memory क्या है?)

What Is Memory In Hindi (Memory क्या है?)

What Is Memory In Hindi (Memory क्या है?)
What Is Memory In Hindi (Memory क्या है?)

दोस्तो आज के इस Post  में  हम एक एसे Important Topic  के उपर बात करने वाले है जो अपने आप मे ही बहोत ज्यादा खास है जी हा आज हम बात करने वाले है Memory के बारे में। तो अब आप सोच रहे होंगे कि मैंने इसे Important और खास क्यों कहा है? तो दोस्तों मैंने इसलिए इसे Important और खास कहा है क्योंकि इसका इस्तमाल हर एक डिवाइस में होता है फिर चाहे वो डिवाइस छोटा हो या बड़ा । जैसे कि कंप्यूटर में भी Memory का यूज किया जाता है और हम सब के स्मार्टफोन में भी Memory का यूज किया जाता है और हर डिवाइस मे इस की एक खास भुमिका होती है। हर डिवाइस के लिए Memory एक बहोत ज्यादा Important पार्ट होती है क्योंकि हर डिवाइस को ऑपरेट करने में और उसे Run करने में Memory का बहुत बड़ा हाथ है और साथ ही हमें किसी भी डाटा को Store करना होता है तो भी हमे Memory का यूज़ करना पड़ता है। तो अब जब की ये चीज इतनी ज्यादा खास और Important है तो मेरे हिसाब से इस से जुड़ी सारी जानकारी हमारे पास होनी ही चाहिए

I Know की अब आप में से काफी सारे लोग ये कहेंगे की हमें तो पता है Memory क्या है । तो दोस्तो बेसक आपको पता है की Memory क्या है लेकीन जो जानकारी आप के पास है उस के हिसाब से आप को Memory के बारे में पाता होने के बावजूद भी नही पता की Memory क्या है । कहने का मतलब ये है की आप को ये पता है कि Memory क्या है लेकिन आप को ये नहीं पता की Memory कितने प्रकार की होती है और ये कैसे काम करती है । तो आज के इस Post में हम इन्ही कुछ Topics के बारे में बात करेंगे तो चलिए बीना टाइम वेस्ट करते हुए Memory से जुड़ी Basic Knowledge  से शुरुआत करते है

What Is Memory (Memory क्या है)

दोस्तों Memory किसी भी डिवाइस के लिए एक Important पार्ट होती है खासकर कंप्यूटर के लिए। कंप्यूटर के अंदर Memory स्थायी या अस्थायी रूप में होती है। Memory का मुख्य कार्य है किसी भी प्रकार के Data को Store करना और जरूरत पड़ने पर उसे वापस प्रदान करना । यानि कि हम Memory के अंदर किसी भी Data को Store कर सकते हैं । जैसे कि Important डॉक्यूमेंट, एप्लीकेशन, सॉफ्टवेर वगैरा वगैरा

Memory को आप कंप्यूटर का दिमाक या याददाश्त भी कह सकते हैं। क्योंकि जैसे हमें किसी चीज़ को याद करना हो तो हम उसे हमारी याददाश्त या दिमाक में Store करते हैं। वैसे ही कंप्यूटर को भी अगर किसी Data को याद करना हो तो वो अपनी याददाश्त  यानि की अपनी Memory में Store करता है। कंप्यूटर के अंदर Memory छोटे छोटे भागों में डिवाइड होती है जिन्हें सेल कहा जाता है। हर सेल की अपनी पहचान होती है, अपना नाम होता है जिसे हम सेल एड्रेस या फिर सेल पाथ भी कह सकते हैं। इन सेल के अंदर जो Data Store होता है वो Data बायनरी डिजिट के रूप में Store होता है।

तो दोस्तों अब तक आपको ये समझ में आ गया होगा कि Memory क्या है । तो चलिए अब इसके प्रकार के बारे में भी जान लेते हैं जिससे आपको Memory को समझने में थोड़ी और मदद मिल सके। वैसे तो Memory के कई प्रकार होते हैं, लेकिन Memory के मुख्य दो प्रकार हैं। पहला Primary Memory और दूसरा Secondary Memory

Type Of Memory (Memory के प्रकार)

1.     Primary Memory

प्राइमरी Memory का कम्प्यूटर के अंदर बहुत बड़ा योगदान होता है। प्राइमरी Memory को हम मेन Memory भी कह सकते हैं, क्योंकि कंप्यूटर के अंदर हम जो भी काम करते हैं उस काम को प्राइमरी Memory के द्वारा पूर्ण किया जाता है। यानी की इसके बिना हम कंप्यूटर के अंदर ज्यादातर काम करही नही सकते । जो Memory यूनिट डायरेक्टली सीपीयू के साथ कम्यूनिकेट करता है उस Memory यूनिट को हम प्राइमरी Memory कहते हैं और सीपीयू के साथ डायरेक्ट कम्यूनिकेट करने की वजह से प्राइमरी Memory की कार्य करने की क्षमता और गति दोनों ही बढ़ जाती है। प्राइमरी Memory के दो प्रकार होते हैं। Ram और Rom तो चलिए  इनके बारे में भी थोड़ा जान लेते हैं।

Ram (Random Access Memory)

रैम का पूरा नाम हैं Random Access Memory । यह रोम की बराबरी में ज्यादा सक्षम और फास्टर Memory होती है। इस Memory को वॉल्ट Memory भी कहा जाता है। यानी कि अगर किसी कारण की वजह से पावर चली जाती है तो इसके अंदर का सारा Data इरेज हो जाता है। रैम बहुत महंगी होती है रोम की बराबरी में

Rom (Read Only Memory)

रोम का पूरा नाम है Read Only Memory । यानी कि अब आप इसके नाम सेही समझ सकते हैं कि रीड ओनली Memory यानी कि इसे सिर्फ रीड किया जा सकता है । इसमें कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता जबकि रैम में हम किसी भी तरह का बदलाव कर सकते हैं। रोम रैम की बराबरी में सस्ती है और यह बहुत धीरे काम करती है। लेकिन इसके अंदर का Data पर्मानेंट होता है। यानी कि कुछ भी हो जाए चाहे पावर ही क्यों न चली जाए, इसके अंदर का Data कभी भी इरेज नहीं हो सकता।

2.     Secondary Memory

सेकेंडरी Memory को हम ज्यूलरी Memory भी कह सकते हैं। सेकंडरी Memory में Store होने वाला हर Data परमानेंटली सेकंडरी Memory में Store होता है और आप कभी भी इस Data को यूज कर सकते हैं। सेकंडरी Memory साइज में प्राइमरी Memory से ज्यादा बडी होती है। कंप्यूटर के अंदर हमें कोई भी काम करने के बाद उसे सेव करने के लिए जो स्टोरेज चाहिए होता है, वह हमें सेकंडरी Memory के रूप में प्रदान होता है। सेकंडरी Memory का मुख्य कार्य Data को Store करना है। इसके कई प्रकार हैं जैसे कि HDD, DVD, Pen Drive  वगैरा वगैरा। तो चलिए अब हम इन दोनों के विशेषताओं के बारे में जान लेते हैं जिससे कि आपको इनको समझने में और भी आसानी हो।

Characteristics Of Memory (Memory की विशेषताए)

·        Characteristics Of Primary Memory

तो प्राइमरी Memory की विशेषताओं के बारे में बात करें तो प्राइमरी Memory कंप्यूटर के अंदर स्थायी रूप से होती है। प्राइमरी में सीपीयू का ही पार्ट होती है। प्राइमरी Memory सारी Memory में से सबसे ज्यादा तेज कार्य करती है। प्राइमरी Memory के बिना कंप्यूटर तो क्या कोई भी डिवाइस काम नहीं कर सकता है। फिर चाहे वह स्मार्टफोन हो या Computer । अब सेकेंडरी Memory के कुछ विशेषताओं के बारे में बात करते हैं।

·        Characteristics Of Secondary Memory

सेकंडरी Memory कंप्यूटर के अंदर स्थायी रूप से पाई जाती है। सैकंड Memory में Data हमेशा के लिए सेव रहता है इस लिए जरूरत पड़ने पर कभी भी हम इस Data का यूज कर सकते हैं और इसकी Data Store करने की क्षमता प्राइमरी Memory के Data Store करने की क्षमता से ज्यादा होती है। इस Memory के अंदर Data सबसे ज्यादा सुरक्षित रहता है।

Conclusion

तो दोस्तों, अब हमने आपको प्राइमरी Memory और सेकेंडरी Memory के बारे में भी समझा दिया है और अब तक आप समझ गए होंगे कि Memory क्या है और उसके कितने प्रकार होते हैं। तो दोस्तों आज के इस post को यहीं समाप्त करते हैं I hope की आपको हमारी ये आजकी information पसंद आई होगी | एसिही और information पानेकेलिए हमारे साथ एसेही बने रहिएगा Thenks for visiting .   

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